Sushil Kumar Shinde: पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कश्मीर यात्रा की कहानी सुनाई, हॉल में गूंज उठा हंसी का ठहाका
Sushil Kumar Shinde: कांग्रेस के नेता और पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अपने संस्मरण ‘फाइव डेसेड्स ऑफ पॉलिटिक्स‘ के विमोचन के अवसर पर एक ऐसी घटना सुनाई कि पूरे हॉल में हंसी की गूंज सुनाई दी। शिंदे ने कहा कि गृह मंत्री बनने से पहले उन्होंने एक अकादमिक विजय धर से मिलने के लिए कश्मीर का दौरा किया था। विजय धर ने उन्हें सलाह दी थी कि वे लाल चौक (सिरीनगर) के बजाय लोगों से मिलने जाएं, डल झील की सैर करें। लेकिन मुझे किसे बताना चाहिए कि मुझे लाल चौक में डर लग रहा था।
शिंदे की इस बात पर पूरा हॉल हंसी से गूंज उठा। हालांकि, इसके बाद शिंदे ने कहा कि उन्होंने यह सब हंसी के लिए कहा था, लेकिन एक पूर्व पुलिस अधिकारी इस तरह की बातें नहीं कर सकता। शिंदे ने यह बातें राशिद किदवाई की किताब के विमोचन के अवसर पर कहीं।
बीजेपी ने उठाया सवाल
पूर्व गृह मंत्री शिंदे के इस बयान पर बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता शाहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहा कि कांग्रेस को शिंदे की बातों पर ध्यान देना चाहिए। पूनावाला ने कहा कि यूपीए काल के गृह मंत्री सुशील शिंदे ने स्वीकार किया कि उन्हें जम्मू-कश्मीर जाने से डर लगता था।
पूनावाला ने कहा, “आज राहुल गांधी कश्मीर में आराम से भारत जोड़ो यात्रा और बर्फ के बीच संघर्ष करते हुए देखे जा रहे हैं! लेकिन नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद के दिनों में वापस ले जाना चाहते हैं!”
शिंदे की कश्मीर यात्रा की कहानी
सुशील कुमार शिंदे ने अपने संस्मरण के विमोचन पर कश्मीर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि विजय धर ने उन्हें लाल चौक में जाने की सलाह नहीं दी थी, बल्कि उन्होंने उन्हें वहां से दूर रहने की सलाह दी थी। शिंदे ने मजाकिया अंदाज में कहा कि जब उन्होंने वहां का दौरा किया तो उन्हें वहां डर महसूस हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने यह बात हंसी मजाक में कही थी, लेकिन इसे सही मायनों में नहीं लेना चाहिए।
राजनीतिक विवाद
शिंदे के बयान ने राजनीतिक हलकों में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। बीजेपी ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और स्थिरता के प्रति गंभीर नहीं है। बीजेपी प्रवक्ता शाहजाद पूनावाला ने कहा कि शिंदे के बयान से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस के नेता जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर गंभीर नहीं हैं और वे इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने शिंदे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान एक व्यक्तिगत अनुभव को दर्शाता है और इसे राजनीतिक रूप से तूल देने की कोशिश की जा रही है। पार्टी ने कहा कि शिंदे के बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए, क्योंकि उन्होंने इसे हंसी मजाक के तौर पर पेश किया था।
निष्कर्ष
सुशील कुमार शिंदे का कश्मीर यात्रा के दौरान लाल चौक में डर का अनुभव एक हल्के-फुल्के अंदाज में प्रस्तुत किया गया था, जिसे हंसी मजाक में लिया गया। हालांकि, इस बयान ने राजनीतिक तूल पकड़ा है और बीजेपी ने इसे कांग्रेस पर हमला करने का एक अवसर माना है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि राजनीति में व्यक्तिगत अनुभव और बयान कभी-कभी बड़े विवादों का कारण बन सकते हैं।